नवरात्र-पूजन का आज तीसरा दिन । जनिये माता चंद्रघंटा की महिमा ।
माँ "चंद्रघंटा" बुराई का नाश करने वाली देवी का रूप हैं , वे अपने भक्तों की रक्षा करती हैं, साथ ही उन्हें साहस, सद्भाव और शांति का आशीर्वाद भी देती हैं ।
महिषासुर के बढ़ते आतंक से सभी देवता चिंतित हो गए थे , उन्होंने त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश से मदद मांगी । देवताओं की व्यथा सुनकर त्रिदेव बहुत क्रोधित हुए और उनके क्रोध से एक दिव्य ऊर्जा प्रकट हुई, इस ऊर्जा से मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप का जन्म हुआ, जिनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है ।
Editor- Amit Jha
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