अष्टमी के दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा की जाती है ।
महागौरी का अर्थ है अत्यंत उज्ज्वल और सुंदर स्वरूप, जो पवित्रता, शांति और सौंदर्य का प्रतीक हैं। इनकी पूजा से भक्तों को कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है
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देवी सती ने पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह दिया जिससे देवी का मन आहत हो गया और पार्वती जी तपस्या में लीन हो गईं। इस प्रकार वर्षों तक कठोर तपस्या करने के बाद जब पार्वती नहीं आईं तो उनको खोजते हुवे भगवान शिव उनके पास पहुंचे। वहां पहुंचकर मां पार्वती को देखकर भगवान शिव आश्चर्यचकित रह गए। पार्वती जी का रंग अत्यंत ओझ पूर्ण था, उनकी छटा चांदनी के समान श्वेत, कुंध के फूल के समान धवल दिखाई पड़ रही थी, उनके वस्त्र और आभूषण से प्रसन्न हो कर भगवान शिव ने देवी उमा को गौर वर्ण का वरदान दिया।
Editor- Amit Jha
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