अडानी मामले से नीजी पत्रकारों पर लटका तलवार।

भारत के शीर्ष बिजनस मैन "गौतम अडानी" को लेकर गलियों से संसद तक आवाज उठते रहते हैं ।
राहुल गांधी , संजय सिंह जैसे बड़े नेता आयदिन अडानी ग्रुप को केंद्र सरकार से विशेष प्रथमिकता मिलने को लेकर बयान देते रहते है ।
कई बार उस बयान को भी कोट कर न्यूज चैनल्स और पेपर मे न्यूज चलाए जाते है ।
जिससे कई बार केंद्र सरकार असहज महसूस करने लगती है ।
एसे ही एक मामले को लेकर "गोतम अडानी" ने दिल्ली के कोर्ट मे अपनी याचिका दर्ज करवाई ।
यह मामला, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड बनाम परंजॉय गुहा ठाकुरता (Adani Enterprises Ltd. Vs Paranjoy Guha Thakurta) मानहानि का है ।
इस मामले मे दिल्ली रोहिनी के जिला अदालत ने
06 सितंबर 2025 को सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश दिया।
कोर्ट मे सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया की ,
अडानी पर किये गए रिपोर्टीं मे यदी किसी भी प्रकार से अडानी पर या सरकार पर सवाल खरे हो रहे हैं या अडानी के मान सम्मान पर ठेस लगने के संभावना है तो एसी सभी विडियो को अपलोड करता तत्काल डिलीट करे ।
हलाकी यह आदेश अंतरिम था और "अडानी" ने जिस पर केस दर्ज किया था उस पर लागू था लेकिन केंद्र सरकार ने इसी अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए देश के करीब 6 नीजी पत्रकार को 138 यूट्यूब रिपोर्ट और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट 6 दिन के भीतर डिलीट करने का आदेश दे दिया ।
सरकार ने जिसे नोटिस भेजा उसमे रबीस कुमार, प्रसन्न बाजपेई जैसे बड़े बड़े पत्रकार सामिल हैं ।
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